ગુરુવાર, 22 નવેમ્બર, 2012



1 डिसेम्बर औदिच्य ब्राह्मण माटेनो खास दिवश छे .गोविन्द माधव औदिच्य ब्राह्मण ना इस्ट्देव छे तेनु प्रमाण निच्चे नि पत्रिका तथा गोविन्द मधाव्नो फोटो मूर्ति तेमज तेमनु गीत  आ साथे सामिल छे . घनश्याम जानी 

6 ટિપ્પણીઓ:

  1. श्री मधुसुदंभाई मेरा तो फ़क्त प्रयाश है की येन केन प्रकारेण अपने औदिच्य सहस्त्र ब्राह्मण को अपने मादरे वतन मै एक स्थाई स्थापत्य कोई भी स्वरूप में एक ईमारत या मंदिर या तो कोई छात्रालय के कोई प्रकार का एक सीमा चिन्ह प्रस्थापित होना चाहिए जो हमने आज तक किया नहीं 60% ब्राह्मण को ये भी पता नहीं है की उसकी ओरिजन किया है .अब समाज में जागरूकता लाना अवश्य हो गया है .और मेरी एक इच्छा कई वर्षो से है की सिधपुर में एक ऐषा स्मारक बनाये जिससे आने वाली हर पेढ़ी को अपना मूल याद रख सके वहा जा सके और जो भी वहा जाये उसको अपने घर में आया है एषा अनुभूति होना चाहिए .में तो बहोत छोटा हु पर आप जिशे वडीलो के आशीर्वाद और गाइड लाइन से ये संबावित हो सकता है आपके कोंनटेक के जरिये और आपके सहयोग से ये संभव है .आपका आशीर्वाद चाहिए आपका घनश्याम जानी

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  2. A plan structure with Communiity welfare ,
    siddhpith is a proper place where infrastructure r like-worship temple Arvadeswar mahadev, shakabharima,Datratraya, suufient agriculureland for gushala, exists.Rooms,for Sadhna,Residances for visitors, Devotees dormentries, bhojanwadies, satsang Hall and land scape on sarswati river like Ecogardenfor picnic,following huge melaon festivals,and all other activiteis atleast 20 no celebrations in ayear.
    Only need funds of devotee who never insist name plate,since sadguru lived all donations as said.
    All karmakandic ,vedas ,and Worship applications r here very strict ,brahmin priest also expertised in chant,

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  3. आप सही कह रहे हें घनश्याम जी,समाज का कोई भी सदस्य यदि अपने उद्गम स्थान पर पहुचता हे तो बड़ा आनंद अनुभव करता हे। अभी पिछले माह ही उज्जैन ओर आस पास के लगभग 300 से अधिक सदस्य जब सिद्धपुर पहुचे तो इसकी अनुभूति हुई थी। इस सबंध मे http://audichyabandhu.blogspot.in/ पर विवरण लिखा हे फोटो भी हें आपने देखे होंगे। आज जरूरत इस बात की हे की सारे देश के औदीच्य ब्राह्मण एक साथ अपनी ताकत दिखाये। अखिल भारतीय औदीच्य महासभा का लगभग 80 वर्ष पूर्व इसीलिए गठन हुआ था। गुजरात मे अभी इस संस्था से सभी को जोड़ने का प्रयास जारी हें। हमको अभी ओर भी यात्राएं करनी होंगी आप भी उज्जैन दर्शन का कार्यक्रम बनये ओर पूर्व मेन अवगत करवेन इससे एक मिलने जुलने का अवसर मिलेगा। पूर्व यात्रा का विवरण http://abaudichyasmahasabharg.blogspot.in/पर देखने मिल सकता हें।
    आपने यह ब्लोग बनाया हे इसमे मेरी मदद की जरूरत हो तो बताएं।

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